देव भूमि उत्तराखंड को यूं ही देव भूमी नहीं कह जाता है यहां की संस्कृति एवं परंपरा भी एहसास कराती है कि यहां के हर पत्थर में भगवान् मौजूद हैं आज हम बात कर रहे हैं उत्तर की द्वारिका यानी गाजणा क्षेत्र के उडरी गांव की जहां आज दिव्या व भव्यता के साथ क्षेत्र के प्रसिद्ध पर्चाधारी भगवान जाख देवता व गुरु चौरंगी वीर के पौराणिक डांडा शैल यात्रा, मेले का आयोजन किया गया
इस मेले में हजारों की संख्या मे लोग अपना दुख, दर्द भगवान जाख देवता के सामने रखते हैं और अपनी आस्था से श्रीफल चढ़ाते हैं इसके पीछे मान्यता है कि जो श्रीफल भगवान जाख देवता को चढ़ाते हैं वह श्रीफल लेकर ग्रामीणों को साथ लेकर 6 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद घने जंगलों में जाकर जाख देवता एक निश्चित स्थान पर छोड़ देते हैं और लोगों का दुख, दर्द दूर करते हैं
साथ ही इस डांडा शैल यात्रा का प्रमुख उद्देश्य जाख देवता का पशुवा धान की कटाई का दिन भी तैय करते हैं अगर देवता के बताये दिन से पहले अगर कोई ग्रामीण धान काटता है तो उसकी फसल नष्ट हो जाती है इसी विश्वास के साथ पोरांणिक काल से इस मेले का आयोजन किया जाता है साथ ही इस दौरान पंडित मोहन भट्ट स्थानीय निवासी सुभाष रावत, नरेश रावत, सन्तोष कैंतुरा एवं समस्त भक्त मौजूद रहे
