Home » उत्तरकाशी » खूब रास रहा डायरेक्ट सेलिंग का बिजनेस,शुद्धता के साथ रोजगार का अवसर भी मिल रहा

खूब रास रहा डायरेक्ट सेलिंग का बिजनेस,शुद्धता के साथ रोजगार का अवसर भी मिल रहा

177 Views

बदलते हुये भारत मे व्यवसायिक कार्य प्रणाली तेजी से बढ़ रही है जंहा एक ओर ऑनलइन शपिंग प्रणाली का विजनेस बहुत तेजी से बढ़ रहा है तो वंही अब डारेक्ट सेलिंग का व्यापार भी बहुत तेजी से अग्रसर हो रहा है।
डायरेक्ट सेलिंग एक प्रकार का व्यवसाय है जिसमें उत्पादों या सेवाओं को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जाता है, बिना किसी मध्यस्थ या रिटेल स्टोर की आवश्यकता के इसमें अक्सर व्यक्तिगत विक्रेता या प्रतिनिधि शामिल होते हैं जो सीधे ग्राहकों से संपर्क करते हैं और उत्पादों की बिक्री करते हैं।
इसी क्रम मे 3जुलाई रविवार को डायरेक्टसेलिंग से जुडी एक कम्पनी ऐसीप्लेस वैलनेस प्रा. लि. के द्वारा नगर पालिका बाड़ाहाट उत्तरकाशी के सभगार मे एक हेल्थ जान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ो लोगो से भाग लिया।
ऐसीप्लेस वैलनेस प्रा. लि. के स्टार सफायर मातवार सिंह रावत ने बताया कि हमारी कम्पनी भारत के ऋषि मुनियों की प्राचीन “आयुर्वेद” प्रणाली पर काम करती है उदेश्य साफ है कि भारत जैसे विशाल देश मे लाइफ स्टाइल डीजीज(बीमारी) पर काम कर भारत को रोग मुक्त करना है।
डारेक्ट सेलिंग से स्थानीय लोगो को भी रोजगार के अवसर मिल जाते है तथा उपभोक्ताओ को उचित दामों के साथ प्रोडक्ट क़ीशुद्धता और विस्वासनीयता बढ़ जाती है क्यूंकि कम्पनी और ग्राहक के बीच बिचोलियो क़ी भूमिका समाप्त हो जाती है।
डायरेक्ट सेलिंग से सरकार को राजस्व का बहुत बढ़ा फायदा होता है क्यूंकि कम्पनी के द्वारा बेचे गये छोटे से लेकर बड़े सामन पर जी एस टी लेकर सरकार को जमा किया जाता है जिससे सरकार के राजस्व मे बृद्धि होती है।
आज भारत मे कई कम्पनीया डायरेक्ट से लिंग का व्यापार कर रही है।
एक अनुमान के अनुसार, डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों से सरकार को मिलने वाले टैक्स में 2025 तक 1500 से 2000 मिलियन तक की वृद्धि होने वाली है।
2025 तक डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री 64,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगी, ऐसा FICCI की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है।
इन आंकड़ों से पता चलता है कि डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है और सरकार को राजस्व प्रदान कर रही है।
डायरेक्ट सेलिंग उद्योग भारत में तेजी से बढ़ रहा है और रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है। अनुमानों के अनुसार:
रोजगार की संख्या: 2025 तक लगभग 18 मिलियन डायरेक्ट सेलर्स होने की संभावना है, जबकि 2.5 मिलियन लोगों को प्रत्यक्ष रूप से अपनी विनिर्माण गतिविधियों में रोजगार मिलने की उम्मीद है।
विकास दर: भारतीय डायरेक्ट सेलिंग उद्योग 2025-2030 के बीच 4.8% की सीएजीआर से बढ़ने की संभावना है।
महिला सशक्तिकरण: इस उद्योग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, जो अपने घरों के साथ-साथ व्यवसाय भी चला रही हैं।
आर्थिक योगदान- डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां कर राजस्व के माध्यम से अर्थव्यवस्था में योगदान करती हैं और उपभोक्ता उत्पादों को बढ़ावा देती हैं।
यह उद्योग न केवल रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि आर्थिक विकास और सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है

ziddikalam
Author: ziddikalam

इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया जारी करें

Leave a Comment

Share This